Chanakya niti: हर इंसान को कौन सी बात दूसरे लोगों से छिपाकर रखनी चाहिए. इस बारे में आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति शास्त्र (chanakya niti shastra) में बताया है. अश्विनी पाराशर की बुक चाणक्य नीति के मुताबिक, चाणक्य-नीति शास्त्र के चौदहवें अध्याय में आचार्य चाणक्य ने कौन सी बातों को प्राइवेट रखने के लिए कहा है, इस बारे में जानेंगे.
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य का पूरा नाम ‘आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य’ था और चणक आचार्य के पुत्र होने के कारण वह ‘चाणक्य’ कहलाए थे. वह अपने गुणों से राजनीति विशारद, आचार-विचार के कूटनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं. 2500 ई. पू. आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, लघु चाणक्य, वृद्ध चाणक्य, चाणक्य-नीति शास्त्र लिखा था. आचार्य चाणक्य की कूटनीतियां आज के समय में भी बिल्कुल सटीक बैठती हैं. आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री, गुरू एवं संस्थापक थे. आचार्य चाणक्य मौर्य वंश के राजनीतिक गुरु थे.अश्विनी पाराशर की बुक ‘चाणक्य नीति’ के चौदहवें अध्याय में आचार्य चाणक्य कुछ बातों को गोपनीय रखने की सलाह देते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा कुछ बातों को गोपनीय रखना चाहिए. आचार्य चाणक्य का आशय यह है कि इन चीजों के बारे में किसी को कुछ नहीं बताना चाहिए नहीं तो लोग उसका फायदा उठा सकते हैं.
सिद्ध औषधि: आचार्य चाणक्य कहते हैं कुछ दवाएं किसी व्यक्ति को सिद्ध हो जाती हैं, इसलिए लोग उससे दूसरों का भला तो करते हैं, किन्तु उसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताते. विश्वास किया जाता है कि ऐसी दवा के बारे में दूसरों को बताने पर उसका प्रभाव समाप्त हो जाता है.
धर्म: अपने धर्म या कर्तव्य के बारे में भी लोगों को कुछ नहीं बताना चाहिए, केवल इसका पालन करते जाना चाहिए.
घर की कमियां: अपने घर की कमी को बाहर बताने से अपनी ही बदनामी होती है. कमियां तो सभी घरों में होती हैं. अतः इन्हें बताना मूर्खता ही है.
संभोग: आचार्य चाणक्य कहते हैं संभोग के विषय में किसी को कुछ बताना भी असभ्यता और अश्लीलता है. ये काम एकांत में गुप्त रूप से करने के हैं.
गलत भोजन: यदि भूल से भी कोई ऐसी चीज खा ली हो जिसकी धर्म या समाज इजाजत नहीं देता, तो इसे किसी को न बताएं.
सुनी हुई बुरी बात: यदि किसी ने आपसे कोई बात कह दी या आपने कहीं कोई गलत बात सुन ली हो, तो इस बात को हजम कर जाना चाहिए, किसी को कुछ बताना नहीं चाहिए.